आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत टनल निर्माण का काम तेज़ी से चल रहा है, लेकिन इस काम ने मोती कटरा और आसपास के इलाकों के निवासियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। टनल की खुदाई के दौरान कंपन के कारण घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, जिससे लोगों में डर का माहौल है।
मंडलायुक्त ने लिया हालात का जायजा
मीडिया में खबरें आने के बाद मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने मोती कटरा और सैय्यद गली में लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं और फीडबैक लिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
टनल खुदाई से मकानों की नींव हिली
मेट्रो की अंडरग्राउंड टनल आगरा कॉलेज से मन:कामेश्वर मंदिर स्टेशन के बीच बनाई जा रही है। इस दौरान हैवी टनल बोरिंग मशीन (TBM) से हो रहे कंपन ने मोती कटरा और सैय्यद गली के मकानों की नींव को कमजोर कर दिया है। कई पुराने मकानों में 1 से 2 इंच तक चौड़ी दरारें आ गई हैं।
सुरक्षा उपायों पर उठ रहे सवाल
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) ने मोती कटरा के कुछ मकानों पर जैक लगाकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की है। हालांकि, सैय्यद गली के मकानों में केवल निशान लगाए गए हैं, लेकिन सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए। इससे स्थानीय लोग डरे हुए हैं।
निवासियों का दर्द
सैय्यद गली की निवासी लिली गोयल ने बताया कि उनके बैडरूम की दीवार में इतनी बड़ी दरार आ गई है कि आर-पार दिखाई देने लगा है। छत भी कमजोर हो चुकी है। मरम्मत के नाम पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का कहना है कि टनल बोरिंग मशीन की वजह से जमीन में कंपन होता है, जो पुरानी इमारतों को अधिक प्रभावित करता है। ऐसे में UPMRC को मरम्मत और सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
निष्कर्ष:
टनल निर्माण कार्य के कारण प्रभावित परिवारों की समस्याओं को जल्द हल करना आवश्यक है। मंडलायुक्त के निरीक्षण के बाद उम्मीद है कि संबंधित विभाग इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगे।