आगरा के ताजमहल को लेकर चल रहे विवाद में जलाभिषेक और पूजा-अर्चना की मांग पर लघुवाद न्यायालय में सुनवाई सोमवार को होनी थी। लेकिन, सुनवाई टल गई और अगली तारीख 20 जनवरी तय की गई है।इस मामले में मुस्लिम पक्षकार सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के अधिवक्ता की गैरमौजूदगी और समय की कमी के चलते सुनवाई नहीं हो सकी। इस दौरान, न्यायाधीश मृत्युंजय श्रीवास्तव ने मामले की सुनवाई के लिए नई तारीख 20 जनवरी तय की है।कुंवर अजय तोमर ने 23 जुलाई को लघुवाद न्यायालय में अर्जी दाखिल कर सावन के महीने में जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक और अन्य हिंदू त्योहारों पर पूजा-अर्चना की अनुमति मांगी थी। उनका कहना है कि ताजमहल असल में शिव मंदिर है, जिसे तेजोमहालय के नाम से जाना जाता था।वहीं, मुस्लिम पक्षकार सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी ने 24 सितंबर को अदालत में पक्षकार बनने की अर्जी दी थी। लेकिन, एएसआई और वादी पक्ष ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ताजमहल सरकारी संपत्ति है और जैदी का इससे कोई संबंध नहीं है। वादी के वकील शिव आधार सिंह तोमर ने कहा,जैदी शाहजहां या मुमताज के कोई वंशज नहीं हैं, ऐसे में उन्हें इस मुकदमे में पक्षकार बनने का अधिकार नहीं है।
इस बीच, वादी पक्ष और एएसआई ने कोर्ट में यह तर्क दिया कि ताजमहल की सुरक्षा और रखरखाव की जिम्मेदारी एएसआई की है, इसलिए किसी तीसरे व्यक्ति को इस मामले में पक्षकार बनाने का कोई औचित्य नहीं है।कुंवर अजय तोमर ने यह भी मांग की कि केंद्र सरकार को प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को समाप्त करना चाहिए।फिलहाल इस मामले में सुनवाई आगे टल गई है।