मैनपुरी में फरियाद करने आई महिला और बेटी को डीएम ने भेजा जेल, शांति भंग का आरोप

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां एक महिला और उसकी बेटी को डीएम के आदेश पर जेल भेज दिया गया। इनका गुनाह सिर्फ इतना था कि वे अपनी जमीन पर कब्जे की शिकायत लेकर डीएम साहब के पास पहुंची थीं। लेकिन फरियाद सुनने के बजाय, डीएम साहब ने उन्हें शांति भंग का आरोपी बनाकर जेल भिजवा दिया।तस्वीरें मैनपुरी के डीएम कार्यालय की हैं, जहां इंसाफ की उम्मीद लेकर पहुंची एक महिला और उसकी बेटी को जेल भेज दिया गया। आरोप है कि महिला ने अपनी जमीन पर कब्जे की शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन डीएम साहब ने फरियाद सुनने के बजाय महिला की ऊंची आवाज़ को ‘शांति भंग’ मान लिया और तुरंत उन्हें जेल भेजने का आदेश दे दिया।महिला के परिवार और अन्य फरियादियों का कहना है कि प्रशासन गरीबों की सुनवाई करने के बजाय उन्हें डराने-धमकाने पर उतारू है। अपनी जमीन के हक के लिए गुहार लगाने आई महिला और उसकी बेटी को जेल भेजना कई सवाल खड़े करता है।अब सवाल उठता है कि क्या फरियाद करना भी अब गुनाह हो गया है? क्या एक गरीब महिला की ऊंची आवाज डीएम साहब को इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने उसे जेल भेज दिया? क्या यही प्रशासन का ‘रामराज्य’ है, जहां न्याय मांगने वालों को ही सजा दी जा रही है? इस घटना के बाद डीएम अंजनी कुमार सिंह के फैसले पर सवाल उठना लाज़मी है।

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